'विश्वसनीय छत्तीसगढ़': प्रतीक वाक्य की सार्थकता - डॉ. संजय शुक्ला
डॉ. रमन सिंह सरकार की ओर से जारी किया गया छत्तीसगढ़ शासन का प्रतीक वाक्य ''विश्वसनीय छत्तीसगढ़" का व्यापक एवं आत्मीय गूढ़ार्थ है। मानव जीवन के जीवनपर्यन्त इस शब्द का भावनात्मक महत्व होता है, यह देष धर्मपारायण, आध्यात्मिक एवं आस्तिक देश है, यहाँ का जनमानस पत्थर पर भी विष्वास कायम कर उसे देवता मानकर उसकी आजीवन पूजा-अर्चना करता चला आ रहा है, यह वाक्य शासन का महज नारा न होकर आम छत्तीसगढ़ियों के अंत:मन पर काबिज होने का प्रयास है, प्रजातंत्र में प्रजा ही सत्ता का नीति नियंता एवं भाग्यविधाता होती है, ऐसी स्थिति में प्रदेश के सत्तातंत्र पर प्रजा का विश्वास कायम होना अनिवार्य है, वहीं यह मानव स्वभाव है कि वह किसी व्यक्ति अथवा वस्तु पर अनायास ही विश्वास नहीं करता बल्कि परखने, समझने तथा उपयोग करने के बाद ही उस पर अपनी विष्वास व्यक्त करती है, और शायद प्रदेश के डॉ. रमन सिंह सरकार ने अपने पिछले सात वर्षों के कार्यकाल को आधार बनाकर इसे विष्वास की कसौटी पर परखने का प्रयास किया है।
बहरहाल डॉ. रमन सिंह के विगत सात वर्षों के कार्यकाल का आंकलन किया जाए तो इस आंकलन में सांख्यिकी के ऑंकड़ों को दरकिनार करते हुए यह दावे के साथ कहा जा सकता है कि सरकार ने इस नवोदित राज्य को सार्थक विकास की दिशा प्रदान करने में महति भूमिका निभाई है, क्योंकि आम तटस्थ छत्तीसगढ़ियों जो कि सरकार के गठन में निर्णायक भूमिका निभाते हैं को सरकारी आंकड़ों से कोई लेना देना रहता और यही आम छत्तीसगढ़ियों मतदाता जिसमें सर्वजाति तथा आदिवासी समुदाय शामिल है उन्हें रोजमर्रा की आवष्यकताओं की पूर्ति तथा उनके उत्पादनों का बेहतर भाव से ही महत्व रहता है, इन दोनों उद्देशो की पूर्ति वर्तमान सरकार ने भलीभाँति की है, हालांकि अर्थषास्त्र, सांख्यिकी तथा सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) के मानक में भी रमन सरकार का प्रदर्षन उत्साहजनक एवं संतोषप्रद रहा है, छत्तीसगढ़ राज्य के गठन हुए महज 10 वर्ष होने जा रहे हैं, लेकिन यह राज्य देष के 50 वर्ष पूर्ण कर चुके अन्य राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात एवं उत्तारप्रदेष से विकास की दौड़ में आगे है, छत्तीसगढ़ शासन के कई विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली की व्यवस्था को न केवल केंद्र शासन की शाबाषी मिली है, वरन कई राज्यों सरकारों ने भी इन योजनाओं एवं कार्यक्रमों को अपने राज्य एवं घोषणापत्र में अंगीकार किया है, जिसमें प्रमुख रूप से गरीबी रेखा श्रेणी के परिवार के लिए एक रूपये और दो रूपये किलो के दर से हर महीने 35 किलो अनाज वितरण, नि:षुल्क दो किलो नमक वितरण, राज्य के किसानों को तीन प्रतिषत ब्याज पर खेती के लिए ऋण सुविधा, कृषक जीवन ज्योति योजना के तहत 5 एच.पी. सिचाई पंपों को वार्षिक छ: हजार युनिट नि:षुल्क बिजली सहित अनेक योजनाऐँ जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रतिसाद मिला है। राज्य के मुख्यमंत्री को देष के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री होने का खिताब भी मिलता है, विकास की दिषा में भी इस राज्य ने देष में सर्वोच्च शासन प्राप्त किया है, वहीं प्रदेष के सार्वजनिक वितरण प्रणाली को केंद्र सरकार ने रोल मॉडल के रूप में मान्यता दी है, प्रदेष की स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, इसके अलावा ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को अनेक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए है वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य ने वर्ष 2009-10 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद मे 11.49 प्रतिषत की उल्लेखनीय वृध्दि दर हासिल कर देष में प्रथम स्थान प्राप्त कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अपने साथ गठन होने वाले अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में विकास की गति अतितीव्र है।
राज्य गठन के बाद प्रदेष ने चहुमुँखी प्रगति की है तथा यह विकास महज ऑंकडों का मायाजाल न हो कर यर्थाथ के धरातल में भी दृष्टिगोचर हो रहा है जहाँ राज्य में घरेलू, कृषि एवं औद्योगिक उत्पादनों के लिए चौबीसों घंटे बिजली उपल्बध है वहीं यह राज्य देष में पावर-हब के रूप में स्थापित हुआ है अन्य पारंपरिक तथा वैकल्पिक ऊर्जा एवं बायोफ्यूल उत्पादन में उत्साह जनक प्रदर्षन किया है, प्रदेष के अधोसंरचना विकास में गति आई है, नए औद्योगिक केंद्र विकसित किए जा रहे हैं, गाँव - कस्बों तथा शहरों में सड़क पुल-पुलिया का निर्माण निर्बाध गति से जारी है, इस दिषा में पंचायतों एवं स्थानीय निकायों को आर्थिक स्वालंबन तथा सहयोग प्रदान किया जा रहा है, धान खरीदी व्यवस्था को चुस्त करते हुए कृषि योजनाओं में कम ब्याज दर पर ऋण का प्रावधान किया गया है, नि:षुल्क बिजली प्रदान कर कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाने का प्रयास किया जा रहा है। औद्योगिक विकास के लिए कारगर निर्णय लिये गये हैं जिसके तहत प्रदेष में उद्योग स्थापना में संतुलन बनाये रखने के दृष्टिकोण से राज्य में उद्योग विहीन क्षेत्र बस्तर एवं सरगुजा में भारी एवं विषाल औद्योगिक उपक्रमों की स्थापना की जा रही है, इन औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ ही इनके सहायक उद्योग इकाईयों की स्थापना इन क्षेत्रों में हो सकेगी जिसमें स्थानीय युवकों को रोजगार प्राप्त हो सकेगा, इन उद्देष्यों के पूर्ति के लिए इन क्षेत्रों में पॉलीटेक्नीक कॉलेज एवं आई.टी.आई. भी खोले जा रहे हैं, स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है जिसके तहत बस्तर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई है, वहीं राज्य में निजी मेडिकल कॉलेज के स्थापना हेतु सुविधापूर्ण एवं आकर्शक योजनायें बनाई गई हैं, नर्सिंग एवं फिजियोथेरेपी कॉलेजों की भी स्थापना की गई है, प्रदेष के स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों नियुक्ति की गई है। षिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त हुई हैं, जहाँ एक ओर प्रदेष में आयुश एवं स्वास्थ्य विज्ञान विष्वविद्यालय, पत्रकारिता विष्वविद्यालय, पं. सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विष्वविद्यालय एवं तकनीकि विष्वविद्यालय की स्थापना की गई है वहीं स्कूली शिक्षा के विकास हेतु व्यापक उपाय किये गये हैं, मुख्यमंत्री ने स्वयं रूचि लेते हुए बालिकाओं के षिक्षा पर विषेष जोर दिया है जिसके तहत छात्राओं को नि:षुल्क पाठयपुस्तक, सायकल, गणवेष, कम्प्यूटर शिक्षा एवं छात्रावास की सुविधा प्रदान की जा रही है, महिलाओं के सर्वांगीण विकास की दिषा में अनेक योजनाएँ लागू की गई है, जिसके तहत त्रिस्तरीय पंचायतराज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिषत आरक्षण देने का कानूनी प्रावधान किया गया है, महिला स्वसहायता समूहों को छत्तीसगढ़ महिला कोष के द्वारा 6.5 प्रतिषत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध है, इसी प्रकार रमन सरकार द्वारा सरकारी भर्ती पर प्रतिबंध हटाकर हजारों लोगों को रोजगार प्रदान करने का उपक्रम किया गया है, नवीन स्थापित उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार के लिए प्रषासनिक एवं कानूनी स्तर पर प्रावधान किया गया है। राज्य में लंबित सिचाई योजनाओं का क्रियान्वयन प्रारंभ हुआ है, प्रदेष के पर्यटन एवं धार्मिक केंद्रों को भी विकसित किया जा रहा है जिसके तहत गिरौदपुरी, भंडारपुरी, तेलासीबाड़ा के साथ कबीरपंथ के श्रध्दाकेंद्र दामाखेड़ा तथा आदिवासी समाज के प्रथम अमरषहीद वीरनारायण सिंह के जन्मस्थली सोनाखान का भी विकास किया जा रहा है, धार्मिक आस्था के केंद्र तथा छत्ताीसगढ़ के प्रयाग के नाम से प्रसिध्द राजिम में प्रतिवर्ष राजिमकुंभ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देष के शंकराचार्यों एवं महान आचार्यों का सान्निध्य प्रदेष वासियों को प्राप्त होता है, प्रदेष के पर्यटन केंद्रों का भी विकास किया गया है। इसी प्रकार आदिवासी विकास, अनुसूचित जाति विकास एवं पिछड़ावर्ग विकास से संबंधित जनकल्याणकारी योजनाएँ चल रही है जिसे शब्दों के बंधन में बांधना संभव नहीं है, प्रदेष सरकार द्वारा जारी योजनाओं का क्रियान्वयन ग्राम स्तर तक सम्यक रूप से हो रहा है अथवा नहीं इसका आंकलन करने के लिए शासन द्वारा प्रतिवर्ष ग्रामसुराज अभियान चलाया जा रहा है जिसमें मुख्यमंत्री सहित मंत्रीगण एवं प्रषासनिक अधिकारी तथा कर्मचारी गाँव-गाँव जाकर वास्तविकता का आंकलन कर समस्याओं का निराकरण करते हैं, उपरोक्त पंक्तियाँ डॉ. रमन सरकार अर्थात छत्ताीसगढ़ शासन के प्रतीक वाक्य में निहितार्थ उद्देष्यों पर मुहर लगाने के लिए प्रर्याप्त हैं बषर्ते भविष्य में भी रमन सरकार के मंत्री तथा शासनतंत्र एवं पार्टीजन शुचिता,र् कत्ताव्यपरायणता एवं संवेदनषीलता प्रदर्षित करें क्योंकि यह अकाटय है कि विष्वास कायम करने में बरसों लगते हैं लेकिन विष्वास टूटने में पलभर भी नहीं लगता कालान्तर में इसके अनेकों उदाहरण मौजूद है अतएव यह शासनतंत्र पर निर्भर है कि वह प्रतीक वाक्य की सार्थकता भविश्य में भी साबित करें।
प्रदेष के विकास में राज्य की कानून व्यवस्था की भी अहम भूमिका होती है छत्तीसगढ़ राज्य को नक्सल समस्या या माओवादी हिंसा विरासत में प्राप्त हुई है, डॉ. रमन सरकार ने इस समस्या के निराकरण में सार्थक प्रयास किया है पूरे देष में छत्तीसगढ़ सरकार ने ही नक्सली दमन का बीड़ा उठाया है तथा इसका सर्वाधिक खाम्याजा भी छत्ताीसगढ़ ने ही भोगा है एक ओर जहाँ सरकार ने नक्सलियों से वार्ता हेतु शासन ने द्वार खोला है, वहीं नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर उनके पुर्नवास की योजना भी लागू की गई है, आदिवासियों को राष्ट्र की मुख्यधारा में जोड़ने तथा माओवादियों के बहकावे से मुक्त रखने हेतु आदिवासियों के सलवा-जुडूम अभियान को सुरक्षा एवं सहयोग प्रदान किया है, मुख्यमंत्री के सुविचारित एवं दृढसंकल्प का ही प्रतिफल है कि अब नक्सली समस्या केवल राज्य के कानून एवं व्यवस्था का मुद्दा न होकर यह राष्ट्रीय समस्या के रूप में स्वीकार की गई है, केंद्र सरकार ने नक्सली उन्मूलन के विषय पर राज्य के कार्ययोजना पर सहमति जताई है तथा प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय गृहमंत्री ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस समस्या के निराकरण में किये जा रहे प्रयासों की सराहना भी की है इसके अलावा राज्य में आमतौर पर कानून व्यवस्था पर पूर्ण नियंत्रण है। राज्य में दूसरी अहम चुनौती औद्योगिक प्रदूषण है जिसके कारण किसानों के उपजाऊ भूमि बँजर हो रहे हैं एवं उनके उपज भी इस प्रदूषण के कारण कालिख में तब्दील हो रहे हैं, गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन के प्रतीक वाक्य में धान के दो सुनहरे बालियों का अंकन किया गया है ऐसी स्थिति में यह आवष्यक है कि राज्य में औद्योगिक विकास के साथ-साथ कृषि विकास पर भी समान रूपरेखा तैयार की जावे ताकि राज्य के किसानों का भी विष्वास शासन को सतत् रूप से प्राप्त होता रहे।
सादर प्रकाषनार्थ
(डॉ. संजय शुक्ला)
'श्री साँई कृपा'
मेनरोड रोहिणीपुरम कालोनी, रायपुर
मो.नं.- 94252-13277
Thursday, October 14, 2010
Wednesday, October 13, 2010
विश्वसनीय छत्तीसगढ़
राज्य का नया प्रतीक वाक्य होगा 'विश्वसनीय छत्तीसगढ़' (विश्वसनीय छत्तीसगढ़) इंग्लिश में क्रेडीबल छत्तीसगढ़ Credible Chhattisgarh
श्री नितिन गडकरी ने विश्वसनीय छत्तीसगढ़ जारी किया प्रतीक वाक्य
भारत और दुनिया के लोग अब करते हैं छत्तीसगढ़ पर भरोसा : डॉ. रमन सिंह
विश्वसनीय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा : छत्तीसगढ़ की विश्वसनीयता हुई गहरी और बहुआयामी
वरिष्ठ नेता श्री नितिन गडकरी ने कल सवेरे यहां मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निवास पर छत्तीसगढ़ राज्य के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तैयार नया प्रतीक वाक्य 'विश्वसनीय छत्तीसगढ़' को आम जनता के लिए जारी किया। राज्य शासन द्वारा अपनी योजनाओं के प्रचार-प्रसार और जनसम्पर्क अभियानों में इस प्रतीक वाक्य का इस्तेमाल किया जाएगा। श्री गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि नये छत्तीसगढ़ राज्य में प्रदेश सरकार की विभिन्न जन-कल्याण्ाकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से आम जनता में विकास और विश्वास का एक नया वातावरण निर्मित हुआ है। श्री गडकरी ने इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों, संसदीय सचिवों और अधिकारियों-कर्मचारियों सहित राज्य की आम जनता को भी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी।
विश्वसनीय छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने श्री गडकरी को बताया कि अपार क्षमताओं, अवसरों और अपार सद्भावना की धरती छत्तीसगढ़ ने पिछले दस वर्षों में यह साबित कर दिया है कि अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में मजबूती से उभरते भारत और दुनिया के लोग अब छत्तीसगढ़ पर भरोसा करते हैं और यही अब छत्तीसगढ़ की नयी पहचान बन गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यही इस प्रतीक वाक्य की रचना की बुनियाद है। उन्होंने कहा कि पहले छत्तीसगढ़ की पहचान अपार प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण एक ऐसे राज्य के रूप में थी, जो देश की आजादी की लगभग आधी शताब्दी गुजर जाने के बाद भी पिछड़ेपन की छाया से मुक्त नहीं हो पाया था। विगत एक नवम्बर 2000 को छत्तीसगढ़ को पिछड़ेपन की कोख से जन्म राज्य के रूप में पहचान मिली थी।
विश्वसनीय छत्तीसगढ़ के कुल क्षेत्रफल के करीब 50 प्रतिशत हिस्से में जंगल और कुल जनसंख्या का करीब 44 प्रतिशत हिस्सा अनुसूचित जातियों और जनजातियों का होना हमारी संस्कृति, सभ्यता और परम्परा के लिहाज से गर्व का विषय रहा, लेकिन समग्र विकास के लिए यह एक बड़ी चुनौती भी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की लगभग दो करोड़ 10 लाख की आबादी के लिए यह खुशी और गर्व का विषय है कि छत्तीसगढ़ ने पिछले 10 वर्ष में पिछड़ेपन की पहचान से मुक्त होने के लिए अपनी मजबूत इच्छा-शक्ति का प्रदर्शन किया है। इस दौरान राज्य में सामाजिक-आर्थिक विकास के अनेक क्षेत्रों में कई अभूतपूर्व और महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज की गयी। जनता में आत्म विश्वास का निरंतर विस्तार हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राज्य में रहने वाले समाज के सभी वर्गों के लोगों में राज्य की अपनी अस्मिता के प्रति, अपनी सरकार के प्रति, अपने जीवन स्तर में वृध्दि के प्रति, समग्र विकास के अवसरों के प्रति और सुरक्षित भविष्य के प्रति विश्वास बढ़ा है। राज्य के संसाधनों में विकास की क्षमता के प्रति भी राज्य के भीतर और बाहर विश्वास की एक नयी लहर देखी जा रही है।
विश्वसनीय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हीं भावनाओं को शामिल करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के नये प्रतीक ' विश्वसनीय छत्तीसगढ़' Credible Chhattisgarh की रचना की गयी है। इसमें हर रंग राज्य की वन-संस्कृति और कृषि-संस्कृति का प्रतीक है। लाल रंग दस वर्ष पुराने नहीं बल्कि तरूणाई की ओर बढ़ते छत्तीसगढ़ के उत्साह, उमंग, जोश और गतिशीलता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का यह नया प्रतीक वाक्य 'विश्वसनीय छत्तीसगढ़' संस्कारों के लिए प्रतिबध्दता और समग्र विकास के लिए नवीन शिखरों तक पहुंचने के संकल्पों का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इन दो शब्दों को जोड़ते हुए धान की जो सुनहरी बालियां इसमें प्रदर्शित की गयी है, उनका आकार एक उड़ते हुए सुनहरे पक्षी का है। यह राज्य में विकास की वर्तमान तेज गति और भविष्य की स्वर्णिम संभावनाओं का भी प्रतीक है।
विश्वसनीय छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री ने कहा कि अपार क्षमताओं, अवसरों और अपार सद्भावना की धरती छत्तीसगढ़ ने पिछले दस वर्षों में यह साबित कर दिया है कि अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में मजबूती से उभरते भारत और दुनिया के लोग अब छत्तीसगढ़ पर भरोसा करते हैं और यही अब छत्तीसगढ़ की नयी पहचान बन गयी है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत की 63 वर्ष की विकास यात्रा से छत्तीसगढ़ के 10 वर्षों की तुलना का हालांकि कोई समान आधार नहीं है, पर इसके बावजूद छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों का योगदान यह विश्वास दिलाता है कि भारत की विकास गाथा में छत्तीसगढ़ की वर्तमान भूमिका के साथ-साथ भावी भूमिका और भी ज्यादा महत्वपूर्ण रहेगी। डॉ. रमन सिंह ने कहा छत्तीसगढ़ की विश्वसनीयता अब इतनी गहरी और बहुआयामी हो गयी है कि इसे शब्दों की सीमा में बांधना संभव नहीं है और अपनी इसी विश्वसनीयता के साथ छत्तीसगढ़ अपने प्रतीक चिन्ह की तरह एक सुनहरी उड़ान भर चला है।
इस विश्वसनीय छत्तीसगढ़ अवसर पर श्री जगत प्रकाश नड्डा, श्री रामसेवक पैकरा, विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक, उपाध्यक्ष श्री नारायण चंदेल, गृह, जेल और सहकारिता मंत्री श्री ननकीराम कंवर, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम, कृषि मंत्री श्री चंद्रशेखर साहू, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा राजस्व मंत्री श्री अमर अग्रवाल, स्कूल शिक्षा और लोक निर्माण मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, जल संसाधन और उच्च शिक्षा मंत्री श्री हेमचंद यादव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले, नगरीय प्रशासन मंत्री श्री राजेश मूणत, वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री दयालदास बघेल, महिला और बाल विकास मंत्री सुश्री लता उसेण्डी, लोकसभा सांसद सर्वश्री विष्णुदेव साय और मुरारी लाल सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री के सचिव श्री अमन कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस मौके पर मौजूद थे।
रायपुर 05 सितम्बर 2010
श्री नितिन गडकरी ने विश्वसनीय छत्तीसगढ़ जारी किया प्रतीक वाक्य
भारत और दुनिया के लोग अब करते हैं छत्तीसगढ़ पर भरोसा : डॉ. रमन सिंह
विश्वसनीय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा : छत्तीसगढ़ की विश्वसनीयता हुई गहरी और बहुआयामी
वरिष्ठ नेता श्री नितिन गडकरी ने कल सवेरे यहां मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निवास पर छत्तीसगढ़ राज्य के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तैयार नया प्रतीक वाक्य 'विश्वसनीय छत्तीसगढ़' को आम जनता के लिए जारी किया। राज्य शासन द्वारा अपनी योजनाओं के प्रचार-प्रसार और जनसम्पर्क अभियानों में इस प्रतीक वाक्य का इस्तेमाल किया जाएगा। श्री गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि नये छत्तीसगढ़ राज्य में प्रदेश सरकार की विभिन्न जन-कल्याण्ाकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से आम जनता में विकास और विश्वास का एक नया वातावरण निर्मित हुआ है। श्री गडकरी ने इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों, संसदीय सचिवों और अधिकारियों-कर्मचारियों सहित राज्य की आम जनता को भी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी।
विश्वसनीय छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने श्री गडकरी को बताया कि अपार क्षमताओं, अवसरों और अपार सद्भावना की धरती छत्तीसगढ़ ने पिछले दस वर्षों में यह साबित कर दिया है कि अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में मजबूती से उभरते भारत और दुनिया के लोग अब छत्तीसगढ़ पर भरोसा करते हैं और यही अब छत्तीसगढ़ की नयी पहचान बन गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यही इस प्रतीक वाक्य की रचना की बुनियाद है। उन्होंने कहा कि पहले छत्तीसगढ़ की पहचान अपार प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण एक ऐसे राज्य के रूप में थी, जो देश की आजादी की लगभग आधी शताब्दी गुजर जाने के बाद भी पिछड़ेपन की छाया से मुक्त नहीं हो पाया था। विगत एक नवम्बर 2000 को छत्तीसगढ़ को पिछड़ेपन की कोख से जन्म राज्य के रूप में पहचान मिली थी।
विश्वसनीय छत्तीसगढ़ के कुल क्षेत्रफल के करीब 50 प्रतिशत हिस्से में जंगल और कुल जनसंख्या का करीब 44 प्रतिशत हिस्सा अनुसूचित जातियों और जनजातियों का होना हमारी संस्कृति, सभ्यता और परम्परा के लिहाज से गर्व का विषय रहा, लेकिन समग्र विकास के लिए यह एक बड़ी चुनौती भी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की लगभग दो करोड़ 10 लाख की आबादी के लिए यह खुशी और गर्व का विषय है कि छत्तीसगढ़ ने पिछले 10 वर्ष में पिछड़ेपन की पहचान से मुक्त होने के लिए अपनी मजबूत इच्छा-शक्ति का प्रदर्शन किया है। इस दौरान राज्य में सामाजिक-आर्थिक विकास के अनेक क्षेत्रों में कई अभूतपूर्व और महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज की गयी। जनता में आत्म विश्वास का निरंतर विस्तार हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राज्य में रहने वाले समाज के सभी वर्गों के लोगों में राज्य की अपनी अस्मिता के प्रति, अपनी सरकार के प्रति, अपने जीवन स्तर में वृध्दि के प्रति, समग्र विकास के अवसरों के प्रति और सुरक्षित भविष्य के प्रति विश्वास बढ़ा है। राज्य के संसाधनों में विकास की क्षमता के प्रति भी राज्य के भीतर और बाहर विश्वास की एक नयी लहर देखी जा रही है।
विश्वसनीय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हीं भावनाओं को शामिल करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के नये प्रतीक ' विश्वसनीय छत्तीसगढ़' Credible Chhattisgarh की रचना की गयी है। इसमें हर रंग राज्य की वन-संस्कृति और कृषि-संस्कृति का प्रतीक है। लाल रंग दस वर्ष पुराने नहीं बल्कि तरूणाई की ओर बढ़ते छत्तीसगढ़ के उत्साह, उमंग, जोश और गतिशीलता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का यह नया प्रतीक वाक्य 'विश्वसनीय छत्तीसगढ़' संस्कारों के लिए प्रतिबध्दता और समग्र विकास के लिए नवीन शिखरों तक पहुंचने के संकल्पों का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इन दो शब्दों को जोड़ते हुए धान की जो सुनहरी बालियां इसमें प्रदर्शित की गयी है, उनका आकार एक उड़ते हुए सुनहरे पक्षी का है। यह राज्य में विकास की वर्तमान तेज गति और भविष्य की स्वर्णिम संभावनाओं का भी प्रतीक है।
विश्वसनीय छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री ने कहा कि अपार क्षमताओं, अवसरों और अपार सद्भावना की धरती छत्तीसगढ़ ने पिछले दस वर्षों में यह साबित कर दिया है कि अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में मजबूती से उभरते भारत और दुनिया के लोग अब छत्तीसगढ़ पर भरोसा करते हैं और यही अब छत्तीसगढ़ की नयी पहचान बन गयी है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत की 63 वर्ष की विकास यात्रा से छत्तीसगढ़ के 10 वर्षों की तुलना का हालांकि कोई समान आधार नहीं है, पर इसके बावजूद छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों का योगदान यह विश्वास दिलाता है कि भारत की विकास गाथा में छत्तीसगढ़ की वर्तमान भूमिका के साथ-साथ भावी भूमिका और भी ज्यादा महत्वपूर्ण रहेगी। डॉ. रमन सिंह ने कहा छत्तीसगढ़ की विश्वसनीयता अब इतनी गहरी और बहुआयामी हो गयी है कि इसे शब्दों की सीमा में बांधना संभव नहीं है और अपनी इसी विश्वसनीयता के साथ छत्तीसगढ़ अपने प्रतीक चिन्ह की तरह एक सुनहरी उड़ान भर चला है।
इस विश्वसनीय छत्तीसगढ़ अवसर पर श्री जगत प्रकाश नड्डा, श्री रामसेवक पैकरा, विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक, उपाध्यक्ष श्री नारायण चंदेल, गृह, जेल और सहकारिता मंत्री श्री ननकीराम कंवर, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम, कृषि मंत्री श्री चंद्रशेखर साहू, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा राजस्व मंत्री श्री अमर अग्रवाल, स्कूल शिक्षा और लोक निर्माण मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, जल संसाधन और उच्च शिक्षा मंत्री श्री हेमचंद यादव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले, नगरीय प्रशासन मंत्री श्री राजेश मूणत, वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री दयालदास बघेल, महिला और बाल विकास मंत्री सुश्री लता उसेण्डी, लोकसभा सांसद सर्वश्री विष्णुदेव साय और मुरारी लाल सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री के सचिव श्री अमन कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस मौके पर मौजूद थे।
रायपुर 05 सितम्बर 2010
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